आर्थिक समीक्षा प्रथम भाग प्रथम अध्याय
सिविल सर्विस एग्जाम के दृश्टिकोण से चर्चा करने का प्रयास है। आपके सुझावों का स्वागत।
इन शब्दों का उपयोग उत्तर लेखन में करके उत्तर की गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है।
१. अदृश्य हाथ : यह संकल्पना एडम स्मिथ द्वारा दी गयी थी। बाजार अर्थव्यवस्था में अनचाहे ही अपने हितों की पूर्ती करते हुए समाज को लाभ देने वाले। समीक्षा में कारोबारियों को अदृश्य हाथ कहा गया है, जो की सम्पदा सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
सम्पदा सृजन ----- लक्ष्य
पहले सृजन किया जाए ,तब ही वितरण संभव।
कारोबार को समर्थन और सुविधा देकर अदृश्य हाथों को मजबूत बनाया जा सकता है। इसके लिए :
a . सभी नए प्रवेश करने वालों को अवसरों की समानता ,निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा तथा कारोबार करने में
आसानी उपलब्ध कराना।
b. बाजार को कमजोर करने वाली ऐसी नीतियों को समाप्त किया जाना जो कि अनावश्यक सरकारी
हस्तक्षेप को बढ़ावा देती है ,जबकि हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
c . रोजगार सृजन के लिए व्यापार को मजबूत करना
d. भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार के अनुरूप बैंकिंग क्षेत्र को दक्षता के साथ बढ़ाना।
अदृश्य हाथों को मजबूत बनाने के लिए विश्वास के हाथों का सहयोग आवश्यक है। तकनिकी तथा आंकड़ों के उपयोगसे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता लेकर विश्वास को मजबूत बनाया जा सकता है।
२.पोरुल पाल : थिरुकुरल का दूसरा भाग ( प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य )
जिसे भौतिक सम्पदा का सार भी कहा जाता है। जिसे संत तिरुवल्लुवर ने लिखा था। मानवीय जीवन को समृद्धिशाली
बनाने के लिए दोहों के रूप में तमिल में लिखी गयी पुस्तक।
"धन एक अमोध दीपक है ,जो प्रत्येक भूमि को गति प्रदान करता है। अपने मालिक के आदेश पर अन्धकार को दूर
करता है "
"धन अर्जित करें ---आपके दुश्मनों के घमंड को तोड़ने के लिए सबसे कारगर हथियार है "
"धन से शुचिता एवं आनंद की प्राप्ति होती है , जो कि किसी को नुक्सान पहुचाये बिना अर्जित किया जाता है। "
(तिरुकुरल से ,मुख्य परीक्षा के लिए उपयोगी )
३ . उद्यमियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। क्योंकि उद्यमियों द्वारा सृजित सम्पदा से बहुत से
हितधारक यथा कार्मिक ,आपूर्तिकर्ता,सरकार आदि लाभान्वित होते हैं। उद्यमी द्वारा सृजित सम्पदा एवं उद्यम में
कार्यरत कार्मिकों को ,उद्यम के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ताओं को ,मशीनरी की आपूर्ति करने
वाले आपूर्तिकर्ताओं को प्राप्त होने वाले लाभ एक दूसरे से सम्बंधित हैं।उद्यमी द्वारा सृजित सम्पदा तथा विदेशी मुद्रा ,
कर राजस्व एक दूसरे से सम्बंधित है।सम्पदा के सृजन में वृद्धि से सरकार के राजस्व तथा विदेशी मुद्रा में वृद्धि करती है।
(निजीकरण का समर्थन ,मुख्य परीक्षा )
४.बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था एक सिद्धांत पर कार्य करती है कि यदि लोगों को उत्पाद एवं सेवाओं को चुनने की आज़ादी दी जाए तो संसाधनों का इष्टतम आवंटन संभव होता है। ( ( प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य )
५. सम्पदा सृजन के लिए दक्षता में वृद्धि करना आवश्यक है।
a. नए उधमियों को प्रवेश :- अवसरों में समानता से दक्षता में वृद्धि होगी। यदि किसी एक जिले में नए उद्यमियों की संख्या में १० प्रतिशत वृद्धि हो जाए तो ,जिले के सकल उत्पाद में १.८ प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है। नए उद्यमियों के प्रवेश से संसाधनों का उपयोग एवं आवंटन अधिक दक्षता से होता है ,रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है ,उत्पादों की बहुलता से व्यापार में वृद्धि होती है ,उपभोक्ता लाभ में रहता है।
b. एक दक्ष वित्तीय क्षेत्र का निर्माण।
c . कीमतों के निर्धारण में सरकार का कम से कम हस्तक्षेप हो। कीमतों का निर्धारण आपूर्ति एवं मांग के बलों द्वारा स्वतंत्र रूप से होना चाहिए। इससे बाज़ार की गतिविधियों में होने वाली वृद्धि सम्पदा का सृजन करती है।
d . निजीकरण को बढ़ावा :- कारोबार निजी क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में अधिक दक्षता से चला सकता है।
इन शब्दों का उपयोग उत्तर लेखन में करके उत्तर की गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है।
१. अदृश्य हाथ : यह संकल्पना एडम स्मिथ द्वारा दी गयी थी। बाजार अर्थव्यवस्था में अनचाहे ही अपने हितों की पूर्ती करते हुए समाज को लाभ देने वाले। समीक्षा में कारोबारियों को अदृश्य हाथ कहा गया है, जो की सम्पदा सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
सम्पदा सृजन ----- लक्ष्य
पहले सृजन किया जाए ,तब ही वितरण संभव।
कारोबार को समर्थन और सुविधा देकर अदृश्य हाथों को मजबूत बनाया जा सकता है। इसके लिए :
a . सभी नए प्रवेश करने वालों को अवसरों की समानता ,निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा तथा कारोबार करने में
आसानी उपलब्ध कराना।
b. बाजार को कमजोर करने वाली ऐसी नीतियों को समाप्त किया जाना जो कि अनावश्यक सरकारी
हस्तक्षेप को बढ़ावा देती है ,जबकि हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
c . रोजगार सृजन के लिए व्यापार को मजबूत करना
d. भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार के अनुरूप बैंकिंग क्षेत्र को दक्षता के साथ बढ़ाना।
अदृश्य हाथों को मजबूत बनाने के लिए विश्वास के हाथों का सहयोग आवश्यक है। तकनिकी तथा आंकड़ों के उपयोगसे अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता लेकर विश्वास को मजबूत बनाया जा सकता है।
२.पोरुल पाल : थिरुकुरल का दूसरा भाग ( प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य )
जिसे भौतिक सम्पदा का सार भी कहा जाता है। जिसे संत तिरुवल्लुवर ने लिखा था। मानवीय जीवन को समृद्धिशाली
बनाने के लिए दोहों के रूप में तमिल में लिखी गयी पुस्तक।
"धन एक अमोध दीपक है ,जो प्रत्येक भूमि को गति प्रदान करता है। अपने मालिक के आदेश पर अन्धकार को दूर
करता है "
"धन अर्जित करें ---आपके दुश्मनों के घमंड को तोड़ने के लिए सबसे कारगर हथियार है "
"धन से शुचिता एवं आनंद की प्राप्ति होती है , जो कि किसी को नुक्सान पहुचाये बिना अर्जित किया जाता है। "
(तिरुकुरल से ,मुख्य परीक्षा के लिए उपयोगी )
३ . उद्यमियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। क्योंकि उद्यमियों द्वारा सृजित सम्पदा से बहुत से
हितधारक यथा कार्मिक ,आपूर्तिकर्ता,सरकार आदि लाभान्वित होते हैं। उद्यमी द्वारा सृजित सम्पदा एवं उद्यम में
कार्यरत कार्मिकों को ,उद्यम के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ताओं को ,मशीनरी की आपूर्ति करने
वाले आपूर्तिकर्ताओं को प्राप्त होने वाले लाभ एक दूसरे से सम्बंधित हैं।उद्यमी द्वारा सृजित सम्पदा तथा विदेशी मुद्रा ,
कर राजस्व एक दूसरे से सम्बंधित है।सम्पदा के सृजन में वृद्धि से सरकार के राजस्व तथा विदेशी मुद्रा में वृद्धि करती है।
(निजीकरण का समर्थन ,मुख्य परीक्षा )
४.बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था एक सिद्धांत पर कार्य करती है कि यदि लोगों को उत्पाद एवं सेवाओं को चुनने की आज़ादी दी जाए तो संसाधनों का इष्टतम आवंटन संभव होता है। ( ( प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य )
५. सम्पदा सृजन के लिए दक्षता में वृद्धि करना आवश्यक है।
a. नए उधमियों को प्रवेश :- अवसरों में समानता से दक्षता में वृद्धि होगी। यदि किसी एक जिले में नए उद्यमियों की संख्या में १० प्रतिशत वृद्धि हो जाए तो ,जिले के सकल उत्पाद में १.८ प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है। नए उद्यमियों के प्रवेश से संसाधनों का उपयोग एवं आवंटन अधिक दक्षता से होता है ,रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है ,उत्पादों की बहुलता से व्यापार में वृद्धि होती है ,उपभोक्ता लाभ में रहता है।
b. एक दक्ष वित्तीय क्षेत्र का निर्माण।
c . कीमतों के निर्धारण में सरकार का कम से कम हस्तक्षेप हो। कीमतों का निर्धारण आपूर्ति एवं मांग के बलों द्वारा स्वतंत्र रूप से होना चाहिए। इससे बाज़ार की गतिविधियों में होने वाली वृद्धि सम्पदा का सृजन करती है।
d . निजीकरण को बढ़ावा :- कारोबार निजी क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में अधिक दक्षता से चला सकता है।
Very nice ,thanku
ReplyDeleteWelcome all your suggestions
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