Thursday 23 July 2020

Daily Question and Answer

Hello Friends ,

I am back .I will post 2 questions with answers in Hindi on basis of various newspapers like The Hindu ,Indian Express ,Livemint etc..

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प्रश्न : भारत के विदेश संबंध अमेरिका से भारत की बढ़ती निकटता के आधार पर परिभाषित नहीं होने चाहिए। हाल ही चीन और ईरान के मध्य बढ़ते संबंधों पर नज़र रखते हुए ईरान से बेहतर संबंध बनाये रखने चाहिए। इस कथन का विश्लेषण कीजिये।

उत्तर : चीन और ईरान के संबंध

. 25 वर्षों की रणनीतिक साझेदारी।
. 25 वर्षों में निवेश और व्यापार $400 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य
. वन बेल्ट ,वन रोड जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना में ईरान की महत्वपूर्ण भूमिका।
. चीन के लिए ईरान कच्चे तेल का बड़ा उत्पादक और अपने उत्पादों के लिए बड़ा बाज़ार
. ईरान के लिए चीन तकनिकी और मिलिटरी क्षेत्र में सहयोग करने वाले देश के साथ - साथ बड़ा निवेशक।

भारत के लिए ईरान महत्वपूर्ण

. भारत के लिए बड़ा बाज़ार
. चीन की शक्ति को पश्चिमी और मध्य एशिया में संतुलित करने के लिए।
. चीन द्वारा ईरान में बंदरगाह का निर्माण भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
. चीन ईरान ,सऊदी अरब ,संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल आदि सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाये हुए है ;इन देशों के आपसी संबंध चीन के साथ इनके संबंधों को प्रभावित नहीं करते। अतः भारत को भी ईरान की कीमत पर अमेरिका से निकटता नहीं बढ़ानी चाहिए।
. ईरान -अमेरिकी परमाणु समझौता कभी भी पुनर्जीवित हो सकता है ,अतः भारत को ईरान से संबंध बनाये रखने चाहिए।
. अमेरिका अब पेट्रोल उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है ,भारत अभी भी अपनी जरूरत के लिए आयात पर निर्भर है।

अतः भारत को ईरान के साथ संबंध अमेरिकी चश्मे से देखते हुए नहीं बनाने चाहिए ,बल्कि अपने देश की जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार बनाने चाहिए।



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