अमेरिकी
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका
के सम्पूर्ण लॉक डाउन से इंकार
कर दिया ,जबकि
अमेरिका में कोरोना संक्रमण
के मामले 68,000
के
करीब रिपोर्ट हो गए हैं। ट्रम्प
का मानना है कि सम्पूर्ण लॉक
डाउन अमेरिका को तबाह कर देगा,
विकास
की गति रुक जायेगी।
विकास
की गति रुकना किसे कहते हैं
?
विकास
है क्या ?
क्या
इंसानी लालच विकास है ?
क्या
ज्यादा से ज्यादा उपभोग करना
विकास है ?
क्या
जहरीली हवा में सांस लेना और
बोतल बंद पानी पीना विकास है
?
रात
को नींद के लिए गोली खाना विकास
है ?
प्रत्येक
जीवित प्राणी के समान इंसान
की भी मूलभूत आवश्यकता भोजन
,पानी
,स्वच्छ
हवा और नींद है। अभी तक हुए
तथाकथित विकास ने इन मूलभूत
आवश्यकताओं से ही मनुष्य को
दूर कर दिया। पूँजीवाद से
प्रेरित इस विकास की अवधारणा
ने मानव को सहअस्तित्व की
अवधारणा से कोसों दूर कर
दिया।मानव ने अपने आपको सर्वोपरि
मानकर हर उस वस्तु,प्राणी
को नष्ट करना शुरू कर दिया ,जो
उसके विकास के रास्ते में आया।
कुछ
देशों इस संकट के समय भी विकास
की पहिये की गति को लेकर अपनी
चिंता प्रकट कर रहे हैं,जबकि
यहाँ तो जीवन की गति पर ही विराम
लगने की सम्भावनाएं हैं। इससे
ज्यादा तबाही का मंजर क्या
होगा की ,लाशों
को देने के लिए कंधे कम पड़ रहे
हैं।
इस
संकट ने हमें विकास को पुनः
पारिभाषित करने के लिए मजबूर
कर दिया है। ज्यादा से ज्यादा
उपभोग करना विकास नहीं है।
अपनी आवश्यकता समझकर उपभोग
करना विकास है।
हमने
कितनी वस्तुयें और सेवाएं
उत्पादित की ,ये
गणना करना विकास नहीं है। हमने
कितनी नदियों और झीलों को
पुनः जीवित किया ,इसकी
गणना करना विकास है। सेंसेक्स
ने कितनी उछाल मारी ,उसकी
जगह पर यह देखना है कि कितनी
प्रजातियां विलुप्ति के कगार
से लौट आयी।
ऑटोमोबाइल
सेक्टर में ,कितने
वाहनों का उत्पादन हुआ ;उसके
स्थान पर यह देखना है कि हमने
कितनी दूरी अपने पांवों से
तय की।यह नहीं जानना कि हमने
कितने डॉलर पौंड रूपये कमाए
,;बल्कि
यह मालूम करना है कि हम कितने
घंटे गहरी नींद ले पाए।
अगर
विकास की अवधारणा को हमने आज
नहीं बदला तो ,बदलने
के लिए कुछ बचेगा भी नहीं।
प्रकृति की चेतावनी को समझना
जरूरी है। कल कारखाने बंद होना
तबाही नहीं है ,बल्कि
तबाही तो हमने पहले मचा रखी
थी। अब तो प्रकृति जीवन संवार
रही है। प्रकृति के चप्पे
चप्पे पर जीवन को महसूस करना
और उसे सम्हालना ही विकास है।
जितना
प्रकृति से ले रहे हैं ,उतना
प्रकृति को वापस लौटाना विकास
है। मानव के साथ अन्य जीवों
का अस्तित्व भी बना रहे
,सहअस्तित्व
के साथ जीना विकास है। सबके
कल्याण में ही अपना कल्याण
जानना विकास है।
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