Tuesday, 11 August 2020

चीन को क़्वारण्टीन करना अभी भी दूर की कौड़ी है (Source The Hindu)

 

प्रश्न : भू -संतुलन चीन को नुक्सान नहीं पंहुचा रहा है। भारत को चीन के साथ संबंधों की रणनीति इस बात को ध्यान में रखकर बनानी होगी। इस कथन पर चर्चा कीजिये। (Source:The Hindu)


उत्तर : हमेशा से ही आक्रामक और प्रसारवादी चीन को क़्वारण्टीन करना अभी भी दूर की कौड़ी है क्यूंकि चीन एक आर्थिक ताकत है। आज के दौर में आर्थिक संबंध सैनिक और रणनीतिक संबधों से ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। यह बात चीन भी अच्छे से जानता है और भारत को भी यह समझ लेना चाहिए।


1. चीन आसियान देशों का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है ;जबकि कई आसियान देशों से चीन के सीमा विवाद हैं तथा कई देशों के क्षेत्रों पर चीन ने अधिकार कर रखा है।


2. चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए बनाये गए संगठन ( Quad ) जिसमें अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया ,जापान और भारत सदस्य देश हैं। ऑस्ट्रेलिया ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके आर्थिक हितों के लिए चीन महत्वपूर्ण है ;अतः वह अपने हितों के विरुद्ध कुछ नहीं करेगा। ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंधों में भी आर्थिक तत्व अधिक महत्वपूर्ण है।


3 . चीन की हुवै कंपनी के 5 G प्रोजेक्ट को समाप्त करने के बाद भी यूके के विदेश मंत्री ने कहा है कि यूके के लिए चीन महत्वपूर्ण है और यूके चीन के साथ सकारात्मक संबंध बनाने की कोशिश करेगा।


4 . चीन और भारत के विवाद लेते हुए हाल ही पाकिस्तान ने जम्मू -कश्मीर ,गुजरात और सियाचिन के कुछ हिस्सों नक़्शे दिखाया और नेपाल ने कालापानी क्षेत्र को।

5 .चीन अपने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की योजना पर कार्य कर रहा है।


6. ईरान के चाबहार परियोजना में भी चीन के निवेश करने के संभावना है।


अतः चीन की विस्तारवादी नीतियों के बाद भी कोई भी देश खुलकर न तो चीन का विरोध कर रहा है और न ही चीन के साथ आर्थिक संबंधों को तोड़ रहा है। अतः भारत को भी इस वास्तविकता के मद्देनज़र ही अपनी रणनीति का निर्माण करना होगा।

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