Saturday 25 July 2020

आज का प्रश्न 25th July 2020

प्रश्न :रक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार द्वारा भारतीय सेना में  महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए जारी औपचारिक पत्र ने एक लैंगिक बाधा गिरा अवश्य दिया है लेकिन अभी भी लैंगिक समानता की प्राप्ति के लिए एक बड़ा युद्ध लड़ना बाकी है।चर्चा कीजिये। (Source The Hindu)

उत्तर :एक लंबी लड़ाई  बाद भारतीय सेना में शार्ट सर्विस कमीशन प्राप्त महिलाओं को भी स्थाई कमीशन दिए जाने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा औपचारिक सहमति पत्र जारी कर दिया है।

इस निर्णय ने महिलाओं के लिए एक लैंगिक बाधा को गिराया है क्यूंकि :

1. महिलाएं इंडियन  आर्मी में बड़े पदों तक पहुंच सकेंगी। उनके मार्ग में आने वाली ग्लास सीलिंग को तोड़ने में इस कदम की महत्वपूर्ण भूमिका।
2. सेना महिलाओं के लिए एक सही प्रोफेशन न माने जाने की रूढ़ धारणाओं और पूर्वाग्रहों पर प्रहार।
3. सेना में महिलाओं  उपस्थिति में वृद्धि अन्य महिलाओं के लिए प्रोत्साहन।
4. महिलाओं के लिए वर्जित समझे  क्षेत्रों यथा धर्म आदि में महिलाओं की उपस्थिति को प्रोत्साहित करेगा
5. सर्वोच्च न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद महिलाओं को यह जीत हासिल हुई है ;जिससे यह स्पष्ट  हो गया है कि भारतीय जनमानस को लैंगिक रूप से संवेदनशील किये जाने की आवश्यकता है।

लैंगिक समानता की लड़ाई का एक पड़ाव मात्र ,अभी लम्बी लड़ाई लड़नी बाकी है।
1. जहाँ भारतीय सेना में उपस्थित पुरुष अधिकारियों की संख्या लगभग 40000 है ,वही महिला  अधिकारीयों की संख्या लगभग 1600  ही है। अभी भी महिलाओं के लिए आर्मी एक अच्छा प्रोफेशन नहीं माना जाता।
2. अमेरिका और इजराइल जैसे देशों में जहाँ महिलायें सक्रिय युद्ध में हिस्सेदारी करती हैं ,वही भारत में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिलाने के लिए न्यायलय को हस्तक्षेप करना पड़ा।
3. रानी लक्ष्मी बाई ,चाँद बीबी ,स्क्वॉड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल जैसी योद्धा महिलाओं की भूमि भारत में अभी भी  यह माना जाना कि महिलायें अपनी शारीरिक संरचना के कारण सेना और युद्ध  उपयुक्त नहीं है।

समाज और देश निर्माण में महिलाओं की समावेशी भूमिका के लिए बहुत कुछ  किया जाना शेष है। महिलाओं को स्थाई कमीशन मिलना इसकी  और बढ़ते क़दमों  का प्रतीक है।

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