Monday 10 August 2020

लड़कियों की विवाह योग्य आयु में बदलाव

 

प्रश्न :लड़कियों की विवाह योग्य आयु बढ़ाने के लिए कानून में संशोधन एक अच्छा सुझाव है। लेकिन सिर्फ कानून ही नहीं ;उससे कहीं अधिक किये जाने की जरूरत है। इस कथन के परिप्रेक्ष्य में लड़कियों की जल्दी शादी किये जाने के कारणों और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा कीजिये।


उत्तर :भारत में अभी लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु 18 वर्ष है ,इसे बढ़ाकर 21 वर्ष करने के लिए एक प्रस्ताव विचारधीन है। सरकार का मानना है कि विवाह योग्य आयु बढ़ने से मातृत्व मृत्यु दर में भी कमी आएगी और लड़कियों के शिक्षा प्राप्त करने के प्रयासों में वृद्धि होगी। निसंदेह सरकार की नीयत महिलाओं को सशक्त करने की है ,लेकिन कानून इस समस्या का पूर्ण समाधान नहीं है। कानून तो अभी भी अस्तित्व में है ;लेकिन चोरी -छिपे बाल विवाह भारत में हो रहे हैं।


बाल विवाह के कारण


1. गरीबी : संतान का पालन पोषण करने में अक्षम होने के कारण लड़की का विवाह शीघ्र करना चाहते हैं। विवाह की आयु बढ़ने पर दहेज़ में भी वृद्धि होने के संभावना होती है।


2. शिक्षा और रोज़गार के सीमित अवसर : सुरक्षा और गरीबी दोनों ही कारणों से लड़कियों को घर से दूर शिक्षा के लिए भेजना संभव नहीं हो पाता। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित लड़कियों के लिए पर्याप्त रोज़गार के अवसर उपलब्ध नहीं होते। लड़कियों को पढ़ाई में निवेश लाभदायक नहीं समझा जाता।


3 .लड़कियों को जिम्मेदारी के रूप में देखना : लड़कियों की पढ़ाई में किये गए निवेश का लाभ दूसरे परिवार को मिलेगा। पढ़ी -लिखी लड़की के विवाह के लिए और भी अधिक दहेज़ देना होगा। इस मानसिकता के चलते लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता और इसलिए उनका विवाह शीघ्र कर दिया जाता है।


4 .विकल्पों का अभाव : पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य करियर विकल्पों की अत्यंत कमी के कारण लड़कियों की जल्दी शादी कर दी जाती है।


5 .सामाजिक दबाव : परिवार की मर्यादा लड़कियों से ही जुड़ी हुई होती है। इसलिए परिवार की मर्यादा को कोई खतरा उत्पन्न न हो इसलिए भी उनकी जल्दी शादी कर दी जाती है।


बाल विवाह को रोकने के लिए सुझाव


  1. शिक्षा के अधिकार का विस्तार : 12th तक की शिक्षा प्राप्त करना सभी का अधिकार हो। जिससे निकटवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना और स्कूलों का विस्तार किया जा सके।

  1. लड़को और लड़कियों को सेक्स एजुकेशन प्रदान की जाए ताकि वह सुरक्षित रह सकें।

3. कौशल विकास और प्रशिक्षण

ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्र स्थापित कर लड़कियों को नियोजनीय शिक्षा प्रदान की जाए। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न किये जाएँ ताकि लड़कियों की शिक्षा में निवेश को लाभदायक समझा जाए। हाल ही आईटी क्षेत्र की कंपनी जोहो ने अपना डेवलपमेंट सेंटर तमिलनाडु के एक ग्रामीण क्षेत्र में खोला है।



4 .विवाह योग्य आयु बढ़ाये जाने के साथ -साथ उन्हें गर्भनिरोधकों और सुरक्षित सेक्स के बारे में जानकारी प्रदान की जाए ताकि जब भी वह मानसिक रूप से बच्चे के लिए तैयार हों ,तब ही माँ बने। इससे माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।


5 .कार्यस्थलों पर विशाखा गाइडलाइन्स का अनुसरण सुनिश्चित किया जाए।


6. ऐसे कानूनों से बचा जाए जो अपनी मर्ज़ी से विवाह करने वाले युवक और युवती को परेशान करने का सबब बनते हैं।


अतः विवाह की आयु बढ़ने से लड़कियों की शिक्षा और रोज़गार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। लेकिन इसके साथ अन्य उपायों को भी अपनाना होगा तभी आधी आबादी को संसाधन से पूँजी में परिवर्तित करना संभव होगा।

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